कितने अजीब रिश्ते यहाँ के - The Indic Lyrics Database

कितने अजीब रिश्ते यहाँ के

गीतकार - संदीप नाथ, अजय झिंगराना | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - शमीर टंडन | फ़िल्म - पेज 3 | वर्ष - 2005

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कितने अजीब रिश्ते यहाँ के
दो पल मिलते हैं साथ-साथ चलते हैं
जब मोड़ आए तो बचके निकलते हैंयहाँ सभी अपनी ही धुन में दीवाने हैं
करें वोही जो अपना दिल ठीक माने है
कौन किसको पूछे कौन किसको बोले
सबके लबों पर अपने तराने हैं
ले जाए नसीब किसको कहाँ पे
कितने अजीब रिश्ते यहाँ केख़्वाबों की ये दुनिया है ख़्वाबों में ही रहना है
राह लिये जाए जहाँ संग-संग चलना है
वक़्त ने हमेशा यहाँ नये खेल खेले
कुछ भी हो जाए यहाँ बस खुश रहना है
मंज़िल लगे क़रीब सब को यहां पे
कितने अजीब रिश्ते यहाँ के