चुपके चुपके रात दिन आंसू बहाना याद है निकाह - The Indic Lyrics Database

चुपके चुपके रात दिन आंसू बहाना याद है निकाह

गीतकार - हसरत मोहनी | गायक - गुलाम अली | संगीत - गुलाम अली | फ़िल्म - निकाहः | वर्ष - 1982

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चुपके चुपके रात दिन आँसू बहाना याद है
हम को अब तक आशिक़ी का वो ज़माना याद हैखींच लेना वो मेरा पदर्ए का कोना बफ़-अ-तन
और दुपट्टे में वो तेरा मुँह छुपाना याद हैबेरुखी के साथ सुनना ददर्-ए-दिल की दासताँ
वो कलाई में तेरा कंगन घुमाना याद हैवक़्त-ए-रुख्सत अलविदा का लफ़्ज़ कहने के लिये
वो तेरे सूखे लबों का थर-थराना याद हैचोरी चोरी हम से तुम आकर मिले थे जिस जगह
मुद्दतें गुज़रीं पर अब तक वो ठिकाना याद हैदोपहर की धूप में मेरे बुलाने के लिये
वो छज्जे पर तेरा नंगे पाँव आना याद हैतुझसे मिलते ही वो बेबाक़ हो जाना मेरा
और तेरा दाँतों में वो उंगली दबाना याद हैतुझ को जब तंहा कभी पाना तो अज़्राहे-लिहाज़
हाल-ए-दिल बातों ही बातों में जताना याद हैआ गया अगर वस्ल की शब भी कहिन ज़िक़्र-ए-फ़िरक़
वो तेरा रो रो के भी मुझको रुलाना याद है