न शिकवा है कोई - The Indic Lyrics Database

न शिकवा है कोई

गीतकार - शकील बदायुँनी | गायक - लता | संगीत - नौशाद | फ़िल्म - अमर | वर्ष - 1954

View in Roman

न शिकवा है कोई
न कोई गिला है
न शिकवा है कोई न कोई गिला है
सलामत रहे तू ये मेरी दुआ है
न शिकवा है कोई
बहुत ही कठिन हैं मुहब्बत की राहें
ज़रा बच के चलना ज़माना बुरा है
न शिकवा है कोई
(अजब तेरी महफ़िल में देखा तमाशा
कहीं रोशनी है कहीं है अँधेरा)
कहीं है अँधेरा
मुक़द्दर चिराग़ों के बदले हुए हैं
कोई बुझ रहा है कोई जल रहा है
न शिकवा है कोई
(मुबारक तुझे हो तेरे दिल की दुनिया
मेरी ज़िंदगी का कोई ग़म न करना)
कोई ग़म न करना
ये सब गर्दिशें हैं नसीबों की प्यारे
न मेरी ख़ता है न तेरी ख़ता है
न शिकवा है कोई