ये बहारों का समा चांद तारों का समा - The Indic Lyrics Database

ये बहारों का समा चांद तारों का समा

गीतकार - साहिर लुधियानवी | गायक - हेमंत कुमार | संगीत - एन दत्ता | फ़िल्म - मिलाप | वर्ष - 1955

View in Roman

ये बहारों का समा, चाँद तारों का समा
खो ना जाये आ भी जा, ये बहारों का समा ...ज़िन्दगानी दर्द बन जाये कहीं ऐसा ना हो
साँस आहें सर्द बन जाये कहीं ऐसा ना हो
दिल तड़प कर ना ???, सो ना जाये आ भी जा
ये बहारों का समा ...क्या हुआ क्यों इस तरह तूने निगाहें फेर लीं
मेरी राहों की तरफ़ से अपनी राहें फेर लीं
ज़िन्दगी का कारवां खो ना जाये आ भी जा
ये बहारों का समा ...