कहीं ज़ुल्फ़ का बादल वो लड़की जो सबसे अलग है - The Indic Lyrics Database

कहीं ज़ुल्फ़ का बादल वो लड़की जो सबसे अलग है

गीतकार - जावेद अख्तर | गायक - सहगान, अभिजीत | संगीत - अनु मलिक | फ़िल्म - बादशाह: | वर्ष - 1999

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अ: कहीं ज़ुल्फ़ का बादल ओहो कहीं रंगीं आँचल आहा
कहीं होंठ गुलाबी ओहो कहीं चाल शराबी आहा
कहीं आँख में जादू ओहो कहीं जिस्म की ख़ुश्बू आहा
कहीं नर्म निगाहें ओहो कहीं गोरी बाहें आहा( हाँ यहां कदम कदम पर लाखों हसीनाए हैं
हम मगर ये दिल का तोहफ़ा देने उसे आए हैं
वो लड़की जो सबसे अलग है -४ ) -२

कितने ही जलवे हैं आँखों में धुलती है जिनसे चाँदनी
कितनी ही बातें हैं कानों में घुलती है जिनसे रागिनी
ये चले जैसे ज़रा बलखा के
वो चले जैसे ज़रा इठला के
ये मिले जैसे ज़रा शरमा के
वो मिले जैसे ज़रा इतरा केहाँ यहां कदम कदम पर लाखों हसीनाए हैं
हम मगर ये दिल का तोहफ़ा देने उसे आए हैं
वो लड़की जो सबसे अलग है -४

गुलशन की है वो कली जो सारे फूलों से बिल्कुल है जुदा
क्या कहिये हो देखा है इन आँखों ने उसमें ऐसा रूप क्या
क्या अजीब सी ताज़गी है
क्या हसीन सी सादगी है
क्या अजीब सी दिलकशी है
क्या हसीन सी दिलबरी है( हाँ यहां कदम कदम पर लाखों हसीनाए हैं
हम मगर ये दिल का तोहफ़ा देने उसे आए हैं
वो लड़की जो सबसे अलग है -४ ) -२