जब कभी कीचड़ के देखता हुं मैं - The Indic Lyrics Database

जब कभी कीचड़ के देखता हुं मैं

गीतकार - गुलजार | गायक - आशा भोंसले, भूपिंदर | संगीत - वनराज भाटिया | फ़िल्म - हिप हिप हुर्रे | वर्ष - 1984

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जब कभी मुड़के देखता हूँ मैं
तुम भी कुछ अजनबी सी लगती हो
मै भी कुछ अजनबी सा लगता हूँसाथ ही साथ चलते चलते कहीं
हाथ छूटे मगर पता ही नहीं
आँसुओं से भरी सी आँखों में
डूबी डूबी हुई सी लगती हो
तुम बहुत अजनबी सी लगती हो
जब कभी मुड़के देखता हूँ मैंहम जहाँ थे वहाँ पे अब तो नहीं
पास रहने का भी सबब तो नहीं
कोइ नाराज़गी नहीं है मगर
फिर भी रूठी हुई सी लगती हो
तुम भी अब अजनबी सी लगती हो
जब कभी मुड़के देखता हूँ मैंरात उदास नज़्म लगती है
ज़िंदगी से रस्म लगती है
एक बीते हुए से रिश्ते की
एक बीती घड़ी से लगते हो
तुम भी अब अजनबी से लगते हो
जब कभी मुड़के देखता हूँ मैं