जी चाहाता है अब तो दुनिया से रुथ जाएं - The Indic Lyrics Database

जी चाहाता है अब तो दुनिया से रुथ जाएं

गीतकार - राजिंदर कृष्ण | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - सी रामचंद्र | फ़िल्म - झांझर | वर्ष - 1953

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जी चाहता है अब तो दुनिया से रूठ जाएँ
होंटों पे आ रही हैं अब मौत की दुआएँ -२(ओ बेवफ़ा ज़माने, दिल को लगा के देखा
सब कुछ लुटा के देखा)-२
अपना समझ के उनको अपना बना के देखा
दिल में बसा के देखा
लेकिन मिलीं वफ़ा के बदले हमें जफ़ाएँ
होंटों पे आ रही हैं अब मौत की दुआएँचलते न तीर ग़म के दिल ना अगर लगाते
धोके में आ न जाते
ये दिन न देखते हम आँसू न यूँ बहाते
दो दिन तो मुस्कुराते
घिर-घिर के यूँ न आती अश्कों भरी घटाएँ
होंटों पे आ रही हैं अब मौत की दुआएँ