इक्के को बादशाह ने मारा ये जिंदगी है एक जुआ - The Indic Lyrics Database

इक्के को बादशाह ने मारा ये जिंदगी है एक जुआ

गीतकार - प्रकाश मेहरा | गायक - कुमार सानू | संगीत - बप्पी लाहिड़ी | फ़िल्म - | वर्ष - 1992

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इक्के को बादशाह ने मारा बादशाह जो बेग़म से हारा
और ग़ुलाम अ अ अम क़िस्मत का मारा बेचाराये ज़िन्दगी है एक जुआ कभी जीत भी कभी हार भी
यहाँ दुश्मनों की भीड़ में जा मिल जाएंगे तुझे यार भी
तू खेलता जा खेलता जा बाज़ियों पे बाज़ियां -२
ये ज़िन्दगी है एक जुआ ...एक बाज़ी तूने जीती एक बाज़ी मैने हारी
कौन जीता कौन हारा ये है क़िस्सा बाद का
ये ज़िन्दगी है एक जुआ ...जब तलक है बन्द मुट्ठी वो है प्यारे लाख की
और जैसे ही खिली हो जाएगी वो ख़ाक़ की
लाख क्या और ख़ाक़ क्या ये है किस्सा बाद का
ये ज़िन्दगी है एक जुआ ...ये ज़माना मुझसे है मैं ज़माने से नहीं
हर फ़साना मुझसे है मैं फ़साने से नहीं
एक दिन ज़ालिम जहाँ मेरी दोस्ती दोहराएगा
ये ज़िन्दगी है एक जुआ ...