मेरा दिल जो मेरा होता, पलकों से पकड लेती - The Indic Lyrics Database

मेरा दिल जो मेरा होता, पलकों से पकड लेती

गीतकार - गुलजार | गायक - गीता दत्त | संगीत - कानू रॉय | फ़िल्म - अनुभव | वर्ष - 1971

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मेरा दिल जो मेरा होता, पलकों से पकड़ लेती
होठों पे उठा लेती, हाथों में खुदा होता
सूरज को मसलकर मैं चंदन की तरह मलती
सोने सा बदन लेकर कुंदन की तरह जलती
इस गोरे से चेहरे पर आईना फिदा होता
बरसा है कई बरसों आकाश समंदर में
एक बूँद है चंदा की उतरी ना समंदर में
दो हाथों की ओस में ये गिर पड़ता तो क्या होता
हाथों में खुदा होता ...