चंदन सा बदन चंचल चितवन - The Indic Lyrics Database

चंदन सा बदन चंचल चितवन

गीतकार - इन्दीवर | गायक - मुकेश | संगीत - कल्याणजी, आनंदजी | फ़िल्म - सरस्वती चंद्र | वर्ष - 1968

View in Roman

चन्दन सा बदन चंचल चितवन
धीरे से तेरा ये मुस्काना
मुझे दोष न देना जग वालों-(२)
हो जाऊँ अगर मैं दीवाना
चन्दन सा ...ये काम कमान भँवे तेरी
पलकों के किनारे कजरारे
माथे पर सिंदूरी सूरज
होंठों पे दहकते अंगारे
साया भी जो तेरा पड़ जाए-(२)
आबाद हो दिल का वीराना
चन्दन सा ...तन भी सुंदर मन भी सुंदर
तू सुंदरता की मूरत है
किसी और को शायद कम होगी
मुझे तेरी बहुत ज़रूरत है
पहले भी बहुत मैं तरसा हूँ-(२)
तू और न मुझको तरसाना
चन्दन सा ...