धीरे धीरे चल - The Indic Lyrics Database

धीरे धीरे चल

गीतकार - हसरत जयपुरी | गायक - लता - रफी | संगीत - शंकर जयकिशन | फ़िल्म - प्रेम विवाह | वर्ष - 1959

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धीरे धीरे चल चाँद गगन में
कहीं ढल ना जाए रात, टूट ना जाए सपनें
तू झुमके चले तो दिलपे चले कटारी
है मीठी छुरी ये ज़ालिम नज़र तुम्हारी
गुनगुन गूँजे राग आज पवन में
वो क्या चीज़ थी मिलाके नज़र पिला दी
हुआ वो असर की हमने नज़र झुका दी
होंगी दो दो बात आज मिलन में
दो दिल मिल गए, दिये जल गए हज़ारों
अजी तुम मिल गए, तो गुल खिल गए हज़ारों
रिमझिम बरसे प्यार आज चमन में