वफा जो तुम से कभी मैने निभाई होती - The Indic Lyrics Database

वफा जो तुम से कभी मैने निभाई होती

गीतकार - शैलेंद्र | गायक - तलत अजीज | संगीत - राजेश रोशन | फ़िल्म - मार्गदर्शक | वर्ष - 1965

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वफ़ा जो तुमसे कभी मैंने निभाई होती
उम्र ना मुफ़्त में सड़कों पे गँवाई होती
साँप यादों के हैं डसते मुझे हर शाम-ओ-सहर
ये जो सोते तो मुझे नींद भी आई होती
तेरी चौखट से जो उस रोज ना आया होता
मैं खुदा होता, दुनियाँ पे खुदाई होती
होती गैरत तो तेरे साथ ही मर जाते सजन
लाश कांधों पे यूँ अपनी ना उठाई होती
हाथ क्या आया मेरे एक सियाही के सिवा
देखने हाल मेरा तू भी तब आई होती