मंजिल ना हो तो है बस नाम की जिंदगी - The Indic Lyrics Database

मंजिल ना हो तो है बस नाम की जिंदगी

गीतकार - समीर | गायक - सहगान, जसपिन्दर नरूला, रेमो फर्नांडीस | संगीत - जतिन, ललित | फ़िल्म - संघर्ष | वर्ष - 1999

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मंज़िल न हो कोई हासिल न हो तो है बस नाम की ज़िंदगी
कोई अपना न हो कोई सपना ना हो तो है किस काम की ज़िंदगी
मंज़िल न हो ...शमा जो जले आए रोशनी नग़मा जो बजे गाए रागनी
बेबसी बांट लो ग़म खुशी बांट लो हर हँसी बांट लो
वरना जीने का मतलब है क्या
मंज़िल न हो ...होना जो भी है होगा कल यहां रोके से रुके ऐसा पल कहां
साँस ली मर गए क्या खता कर गए मौत से डर गए
जो किया वो किया बेवजह
मंज़िल न हो ...मंज़िल न हो कोई हासिल न हो तो है बस नाम की ज़िंदगी
कोई अपना न हो कोई सपना ना हो तो है किस काम की ज़िंदगी
मंज़िल न हो ...शमा जो जले आए रोशनी नग़मा जो बजे गाए रागनी
बेबसी बांट लो ग़म खुशी बांट लो हर हँसी बांट लो
वरना जीने का मतलब है क्या
मंज़िल न हो ...कहना वक़्त का कोई माने ना किसके दिल में क्या कोई जाने ना
यार का नाम लो प्यार का जाम लो चैन से काम लो
आज का है यही फ़लसफ़ा
मंज़िल न हो ...