आ हा आई मिलन की - The Indic Lyrics Database

आ हा आई मिलन की

गीतकार - शैलेंद्र | गायक - रफ़ी, आशा | संगीत - शंकर-जयकिशन | फ़िल्म - आई मिलन की बेल | वर्ष - 1964

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आ हा आई मिलन की बेला देखो आई
बन के फूल हर कली मुस्कुराई
आ हा आई मिलन की बेला देखो आई
उनसे नैन मिले मैं शरमाई
आ हा आई मिलन की ...
जाने क्यों तेज़ हुई जाती है दिल की धड़कन
चुटकियाँ लेती है क्यों सीने में मीठी सी चुभन
प्यार जो करते हैं होता है यही हाल उनका
देखिए क्या-क्या दिखाएगी अभी दिल की लगन
आ हा आई मिलन की ...
आज दुनिया मुझे कुछ और नज़र आती है
जिस तरफ़ देखिए तक़दीर मुस्कुराती है
प्यार के रंग में रंग जाते हैं जब दिलवाले
देखते-देखते हर चीज़ बदल जाती है
आ हा आई मिलन की ...
आज सर से मेरा आँचल क्यों उड़ा जाता है
मेरा दिल क्यों मेरे पहलू से खिंचा जाता है
मुन्तज़िर होगा कोई याद कर रहा होगा
दर्द सा उठता है जब याद किया जाता है
आ हा आई मिलन की ...