आरा मैं तो गिरी रे - The Indic Lyrics Database

आरा मैं तो गिरी रे

गीतकार - पी एल संतोषी | गायक - लता | संगीत - कल्याणजी-आनंदजी | फ़िल्म - पोस्ट बॉक्स 999 | वर्ष - 1958

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आरा मैं तो ( गिरी रे )-4
( कोई संभालो )-2
आर मैं तो ( गिरी रे )-2

अर्ज़ है हुज़ूर से दूर ही दूर से
पीने का मज़ा लो जीने का मज़ा लो
आरा मैं तो गिरी रे ...

प्यालियों को तोड़ दो शराब को छोड़ दो
नशा अगर चाहिए तो हमसे नाता जोड़ लो
आँखों से पिलाऊँगी प्यास बुझाऊँगी दुनिया भुलाऊँगी
अपने दिल में बसा लो
कोई संभालो
आरा मैं तो गिरी रे ...

सबसे मुँह फेर दो एक नज़र हो इधर
मेरे इस जाम का नशा रहे उमर भर
ऐसा मज़ा आएगा जीते जी न जाएगा मस्त हो के गाएगा
कोई तो मुझको संभालो कोई संभालो
आरा मैं तो गिरी रे ...$