मांगने से जो मौत मिल जाति - The Indic Lyrics Database

मांगने से जो मौत मिल जाति

गीतकार - महेंद्र प्रणी | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - बुलो सी रानी | फ़िल्म - सुनहरे कदमी | वर्ष - 1966

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मान्गने से जो मौत मिल जाती, कौन जीता इस ज़माने में
दर्द होता ना बेकली ? होती, दम ना घुटता यूँ वीराने में
माँगने से जो मौत मिल जाती, कौन जीता इस ज़माने में(आँसूओं की शमा से गर ग़म की तारीकियाँ मिटती)-२
तुझ को ख़ुशियों की रौशनी होती ज़िंदगी के इस फ़साने में
माँगने से जो मौत मिल जाती, कौन जीता इस ज़माने में(आरज़ूओं के जनाज़े को लेके कांधे पे हम घूमे)-२
चल्के मन्ज़िल जो आई मिलने को, हम ही न रहे इस ज़माने में
माँगने से जो मौत मिल जाती, कौन जीता इस ज़माने में