आंखें में काजल हैं - The Indic Lyrics Database

आंखें में काजल हैं

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - लता मंगेशकर, किशोर कुमार | संगीत - राजेश रोशन | फ़िल्म - दूसरा आदमी | वर्ष - 1977

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आँखों में काजल है
काजल में मेरा दिल है
ओ हो हो होआँखों में काजल है
काजल में मेरा दिल है
आँखों में काजल है
काजल में दिल है
चलो दिल में बिठाके तुम्हें
तुम से ही प्यार किया जाये
हो चलो दिल में बिठाके तुम्हें
तुम से ही प्यार किया जायेबालों में ख़्हुशबू है
ख़्हुशबू में तू ही तू है
बालों में ख़्हुशबू है
ख़्हुशबू में तू है
चलो बालों के तले तले
बाहों का हार सिया जायेहो चलो दिल में बिठाके तुम्हें
तुम से ही प्यार किया जायेतुम तो हो मेरी बहार
मेरी नज़र में खिलो
कलियों से मिलके सनम
फिर आके हमसे मिलो
ऐसे तेरे नैना लड़े
जैसे कोई नशा चढ़े
हाय बिंदिया हंसे चली जाये
तेरी बिंदिया दर्पन है
दर्पन में साजन है
तेरी बिंदिया दर्प्न है
दर्पन में सजन
हो चलो बिन.दिय से लेके तुम्हें
दिल में उतार लिया जाये
हो चलो दिल में बिठाके तुम्हें
तुम से ही प्यार किया जायेकैसा है अपना मिलन
कैसी मुलाक़ात है
जैसे अदा में मेरी
कोई नई बात है
बनी रहे अदा तेरी
सदा रहे वफ़ा मेरी
ऐसे ही ये जीवन बीत जाये
जीवन क्या चाहत है
चाहत क्या जीवन है
जीवन क्या चाहत है
चाहत क्या जीवन
चलो सारे जीवन का यहीं
मिलके इक़रार किया जाये
हो चलो दिल में बिठाके तुम्हें
तुम से ही प्यार किया जायेआँखों में काजल है
काजल में मेरा दिल है
आँखों में काजल है
काजल में दिल है
चलो दिल में बिठाके तुम्हें
तुम से ही प्यार किया जाये
हो चलो दिल में बिठाके तुम्हें
तुम से ही प्यार किया जाये