चली आ रे चोरी से बच के दुनिया की नजरों से - The Indic Lyrics Database

चली आ रे चोरी से बच के दुनिया की नजरों से

गीतकार - समीर | गायक - सोनू निगम, अमिताभ बच्चन, जसपिन्दर नरूला | संगीत - अनु मलिक | फ़िल्म - सूर्यवंशम | वर्ष - 1999

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चली आ रे चली आ रे चली आ रे
चोरी से चोरी से चोरी चोरी चोरी से आ
चोरी से चोरी से चोरी चोरी चोरी चोरी चोरी से
बोले रे बोले रे मेरा दिल बोले बोले बोले रे
बच बच बच बच के दुनिया की नज़रों से
अरे सनम तन्हाई में मिलो कभी कभी
हे चोरी से चोरी से ...ऐसे वैसे कई सवालों में खोया रहूं तेरे ख्यालों में
करो ज़रा जळी मुलाकातें तुमसे करनी हैं बड़ी बातें
चाँदनी सितारों में हो सोई तेरे मेरे सिवा हो न कोई
ठंडी ठंडी आग जल रही हो सर्द सर्द हवा चल रही हो
बच बच बच बच के ...मिलने नहीं देगा ये ज़माना कोई तो बनाओ तुम बहाना
खुली खुली लटें बिखराओ और न तुम मुझे तड़पाओ
वक़्त कभी कहीं नहीं ठहरे निकल जाएं मौक़े ना सुनहरे
दर्द जुदाई के बड़े गहरे यहां वहां लगे कई पहरे
बच बच बच बच के ...