अब मैं काह करुण किट जाउनी - The Indic Lyrics Database

अब मैं काह करुण किट जाउनी

गीतकार - पं सुदर्शन | गायक - के एल सहगल | संगीत - पंकज मलिक | फ़िल्म - धरतीमाता | वर्ष - 1938

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अब मैं काह करूँ कित जाऊँ मैं काह करूँ कित जाऊँ (२)छूट गया (३)
सब साथ सहारा
अपने भी कर गये किनारा
छूट गया सब साथ सहारा
अपने भी कर गये किनारा
इक बाज़ी में सब कुछ हारा
आशा हारी हिम्मत हारी
अब क्या दाँव लगाऊँ
मैं काह करूँ कित जाउँ
अब मैं काह करूँ कित जाऊँ
मैं काह करूँ कित जाउँ
जो पौधा सींचा मुरझाया टूट गया जो महल बनाया (२)
बुझ गया जो भी दिया जलाया
मन अंधियारा जग अंधियारा
ज्योत कहाँ से लाऊँ मैं
काह करूँ कित जाऊँ