आ गले लग जा मेरे सपने - The Indic Lyrics Database

आ गले लग जा मेरे सपने

गीतकार - शैलेंद्र | गायक - रफी | संगीत - शंकर-जयकिशन | फ़िल्म - अप्रैल फूल | वर्ष - 1964

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आ गले लग जा मेरे सपने मेरे अपने मेरे पास आ
आबाद है तू मेरी धड़कनों में मेरी जान तुझमें बसी है
बादल से जो आस है मोर को मेरे दिल को वो तुझसे लगी है
इक तेरी मुस्कान अंगड़ाई लेती हुई मेरी तक़दीर जागे
इक तेरी झलक चली आए पल में मेरी मंज़िलें मेरे आगे
आ गले लग जा ...
मन आज़माँ तू मेरे प्यार को खेल मत यूँ मेरी ज़िन्दगी से
उल्फ़त के मारों को क्या मारना जान दे देते हैं जो ख़ुशी से
ये हुस्न जिसको मिले जान-ए-जाँ बेदिली उसकी जँचती नहीं है
हो रू-ब-रू चाँद से जो हसीँ बेरुख़ी उसको सजती नहीं है
आ गले लग जा ...