मय रहे मीना रहे, गर्दिश में पैमाना रहे - The Indic Lyrics Database

मय रहे मीना रहे, गर्दिश में पैमाना रहे

गीतकार - रियाज़ खैराबादी | गायक - जगजीत सिंह | संगीत - जगजीत सिंह | फ़िल्म - मिराज | वर्ष - 1996

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मय रहे मीना रहे, गर्दिश में पैमाना रहे
मेरे साक़ी तू रहे, आबाद मयख़ाना रहे
हश्र भी तो हो चुका रुख़ से नहीं हटती नक़ाब
हद भी आखिर कुछ है कब तक कोई दीवाना रहे
रात को जा बैठते हैं रोज़ हम मजनू के पास
पहले अनबन रह चुकी है अब तो याराना रहे
ज़िन्दगी का लुफ़्त हो उड़ती रहे हरदम 'रियाज़'
हम हों शीशे की परी हो, घर परीख़ाना रहे