कह के भी न आये तुम - The Indic Lyrics Database

कह के भी न आये तुम

गीतकार - जी एस नेपाली | गायक - रफी | संगीत - सी रामचंद्र | फ़िल्म - सफ़र | वर्ष - 1946

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कलियों को मसलने आए हैं फूलों को जलाने आए हैं

कलियों को मसलने आए हैं फूलों को जलाने आए हैं

इस बाग़ की डाली डाली में वो आग लगाने आए हैं

कलियों को मसलने आए हैं

महमान बनाया था उनको आँखों पे बिठाया था उनको

मालूम न था वो जीवन को वीरान बनाने आए हैं

कलियों को मसलने आए हैं

वो अपने गीतों के तोहफ़े ले जाएं हमारी महफ़िल से

हम अमृत के मतवालों को वो ज़हर पिलाने आए हैं

कलियों को मसलने आए हैं