ऐ मेरे दिल-ए-नादां, तू गम से ना घबराना - The Indic Lyrics Database

ऐ मेरे दिल-ए-नादां, तू गम से ना घबराना

गीतकार - असद भोपाली | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - रवि | फ़िल्म - टावर हाउस | वर्ष - 1962

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ऐ मेरे दिल-ए-नादां, तू गम से ना घबराना
एक दिन तो समझ लेगी दुनिया तेरा अफ़साना
अरमान भरे दिल में, ज़ख़्मों को जगह दे दे
भड़के हुए शोलों को कुछ और हवा दे दे
बनती है तो बन जाये ये ज़िन्दगी अफ़साना
फरियाद से क्या हासिल, रोने से नतीजा क्या
बेकार हैं ये बातें, इन बातों से होगा क्या
अपना भी घड़ी भर में बन जाता है बेगाना