प्यार की राह पर क्या - The Indic Lyrics Database

प्यार की राह पर क्या

गीतकार - रंगीन | गायक - लता, मुकेश | संगीत - अनिल बिस्वास | फ़िल्म - बड़ी बहू | वर्ष - 1951

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प्यार की राह पर क्या भटकने का डर
जब मुसाफ़िर चले साथ मंज़िल चले
साथ चलते रहे हम यूँ ही उम्र भर
जैसे दरिया चले साथ साहिल चले
प्यार की राह पर क्या भटकने का डर
हम चले हम चले हम चले
हम चले तो बहारें चले साथ साथ
फूल बाँधे कतारे चले साथ साथ
कुछ उमंगें इधर कुछ तरंगें उधर
हम जिधर भी चले साथ मेहफ़िल चले
प्यार की राह पर क्या भटकने का डर
तुम मेरे साथ हो हर ख़ुशी साथ है
तुम मेरे साथ हो ज़िंदगी साथ है
दिल नज़र में रहे और दिल में नज़र
जब भी बिस्मिल चले साथ क़ातिल चले
प्यार की राह पर क्या भटकने का डर