रुक रुक रुकना ना चलाना है चलते जाना है - The Indic Lyrics Database

रुक रुक रुकना ना चलाना है चलते जाना है

गीतकार - विशाल ददलानी | गायक - अमित कुमार, विशाल ददलानी | संगीत - विशाल-शेखर | फ़िल्म - झंकार बीट्स | वर्ष - 2003

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( रुक-रुक रुकना ना झुक-झुक झुकना है
चलना है चलते जाना है
जीते तो जीते हारे तो हारे
हर दिल को अपना बनाना है ) -२मिट्टी में मिल जाएगा जो हमसे टकराएगा
ऐसे जो तू गाएगा तो कौन टकराएगा
डर के भाग जाएगा
जीते तो जीते हारे तो हारे -२
हर दिल को अपना बनाना है
हे हे हे
रुक-रुक रुकना ना झुक-झुक झुकना है
चलना है चलते जाना है
जीते तो जीते हारे तो हारे
हर दिल को अपना बनाना हैअरे मिट्टी में मिल जाएगा जो हमसे टकराएगा
हम जिसके हों सामने जीत नहीं पाएगा
ख़ाक़ बन जाएगा
अरे जीते तो जीते हारे तो हारे
है साथ अपने bossहमारे
bossहै तो क्या घबराना है
हे हे हे
रुक-रुक रुकना ना झुक-झुक झुकना है
चलना है चलते जाना है
हर दिल को अपना बनाना हैरुक-रुक रुकना ना झुक-झुक झुकना है
चलना है चलते जाना है
जीते तो जीते हारे तो हारे
हर दिल को अपना बनाना है