प्यार की निशानियाँ - The Indic Lyrics Database

प्यार की निशानियाँ

गीतकार - पंडित इंद्र | गायक - लता | संगीत - बी एस कल्ला | फ़िल्म - दो दुल्हे | वर्ष - 1955

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प्यार की निशानियाँ सुनायें ये कहानियाँ
तू प्यार कर ये ज़िंदगी है प्यार के लिये
प्यार की निशानियाँ
वो दिल ही क्या जिसे किसी की आरज़ू न हो
वो आँख क्या जिसे किसी कि जुस्तजू न हो
आरज़ू न हो जुस्तजू न हो
तो दिल बने वो फूल जिसमें रंग-ओ-बू न हो
प्यार की कहानियाँ
ये प्यार दो दिलों की धड़कनों का नाम है
है जिस में चाहतों का रंग ये वो जाम है
ये जाम पी भी ले दीवानगी भी ले
इस जाम ही में ज़िंदगी की सुबह शाम है
प्यार की कहानियाँ
सफ़र का क्या मज़ा जो कोई हमसफ़र न हो
तुझको किसी की तेरी किसी को खबर न हो
किसी को साथ ले, किसी का साथ दे
जीना है क्या ज़रूरी मुहब्बत अगर न हो
प्यार की निशानियाँ