भंगड़ा-पाले आजा आजा: - The Indic Lyrics Database

भंगड़ा-पाले आजा आजा:

गीतकार - इन्दीवर | गायक - कुमार शानू, उदित नारायण | संगीत - राजेश रोशन | फ़िल्म - करण अर्जुन | वर्ष - 1994

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हो हो हो भंगड़ा पाले आजा आजा
बोलो बोलो बोलो जिंदड़ी है कहां जिंदड़ी वहां तेरा संग है जहां
ज़िंदगी मिले तो इसे मत खोना जीते जी जुदा हमसे मत होना
भंगड़ा पाले आजा आज ...आंगन में पायल खनकेगी पनघट फिर से गाएगा
मुस्कानों को अरमानों को क़ैद न कोई कर पाएगा
छलके अंखियों से प्यार दिल हुआ बेकरार
नाचें लोग मगन मतवाले
भंगड़ा पाले आजा आज ...सच्चाई को काट सके जो ऐसी कोई तलवार कहां
प्यार को बंदी बनाकर रख ले ऐसी कोई दीवार कहां
न हो कोई मजबूर न हो कोई ग़म से चूर
आजा खुशियों के मेले लगा ले
भंगड़ा पाले आजा आज ...