निर्धन का तु है धन ब्रज की तू हरियाली - The Indic Lyrics Database

निर्धन का तु है धन ब्रज की तू हरियाली

गीतकार - पं अनुज | गायक - रामचंद्र मराठे | संगीत - मास्टर कृष्णराव | फ़िल्म - गोपाल कृष्ण | वर्ष - 1938

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निर्धन का तू है धन -२
ब्रज की तू हरियाली -२
निर्धन का
निर्धन का तू है धन
ब्रज की तू हरियालीनिर्बल का तू है बल -२
अनुपम शोभा वाली -२
तुझसे है गोमाता -२
धरती में उजियाली -२निर्धन का
निर्धन का तू है धन
ब्रज की तू हरियालीराव रंक सब समान
राव रंक
राव रंक सब समान
दुष्ट सुजन सुखन जान -३
देकर पय अमर समर -२
करती है रखवाली -२निर्धन का -२
निर्धन का तू है धन
ब्रज की तू हरियाली -२
निर्धन का तू है धन
तू है धन
निर्धन का तू है धन
ब्रज की तू हरियाली -२