प्यार की दुनिया लुटेगी हमें - The Indic Lyrics Database

प्यार की दुनिया लुटेगी हमें

गीतकार - खुमार बाराबंकवी | गायक - लता | संगीत - रवि | फ़िल्म - मेहदी | वर्ष - 1958

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प्यार की दुनिया लुटेगी हमें मालूम न था
दिल की दिल ही में रहेगी हमें मालूम न था
हम तो समझे थे अँधेरा न कभी छाएगा
शमा जलते ही बुझेगी हमें मालूम न था
क्या क़यामत है कि डूबे तो किनारे होकर
उनकी नज़रों से गिरे जान से प्यारे होकर
क्या ख़बर थी वो दाग़ देंगे हमारे होकर
बेबसी हमपे हँसेगी हमें मालूम न था
उनको पाया था अदा उनकी क़सम मर-मर के
कर सके प्यार की बातें न मगर जी भर के
फिर गए हमसे वे इकरार-ए-मोहब्बत कर के
ये सज़ा हमको मिलेगी हमें मालूम न था