यादों में अक्सर आते रहते - The Indic Lyrics Database

यादों में अक्सर आते रहते

गीतकार - संदीप नाथ | गायक - शान, श्रेया घोषाल | संगीत - बापी-तुतुल | फ़िल्म - पैसा वसूल | वर्ष - 2003

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श्रे : यादों में अक्सर आते रहे
कुछ पल हंसाते रुलाते रहे
तुमको भुला ना पाये कभी
लगता है तुम साथ में हो अभीशा : क्या ख़ूब लम्हें हैं
हम आज फिर से हैं साथ
श्रे : उड़ के चले आसमाँ के पार
जिनकी तमन्ना है बार-बारशा : हे हे ल ला ल ला
हे ल ला ल ला आ हा
बिखरे हुये ख़ाब कितने
आँखें हैं ख़ुद में बसाये
ख़ाबों में ना मिल सके जो
आओ उन्हें ढूँढ लायेँ
फिर हो के सच ख़ाब अपने
श्रे : चलने लगेंगे साथ-साथ
समझो ना तुम ये ज़रा सी बातशा : समंदर की लहरों को देखो
टूटें मगर थम ना जायेँ
साहिल से मिलने की ख़ातिर
ले के उम्मीदें वो आयेँ
श्रे : हम-तुम भी लहरों की तरहा
मिलते रहेंगे बार-बार
लम्हें ये आयेंगे बार-बार