मस्ताना अलबेला सिर्फ एक तु है लाखों में अकेला - The Indic Lyrics Database

मस्ताना अलबेला सिर्फ एक तु है लाखों में अकेला

गीतकार - समीर | गायक - हरिहरन, स्नेहा पंत, श्रद्धा पंडित, अरविंदर सिंह, सौद खान, मोहितोष, उपेंद्र शर्मा, सरफराज खान, संजीवनी भेंडे, वाजिद खान | संगीत - साजिद वाजिद | फ़िल्म - शरारत | वर्ष - 2001

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मस्ताना अलबेला सिर्फ़ एक तू है लाखों में अकेला
हमको ऐसा लगा जब हमें तू मिला
सुरमई रात में चाँद जैसे खिला
तेरे चारों तरफ़ है लगा सितारों का ये मेलाभोला है सादा है तू कोई शहज़ादा है
हम तुझको चाहेंगे अपना तो ये वादा है
ग़म हो चाहें खुशी कह रही ज़िंदगी
तुझपे क़ुरबान है अपनी जां
दीवाने मुस्कुरा देआँखों में सपने हैं अन्जानी ये रातें हैं
तुमसे वो कहनी हैं इस दिल में जो बातें हैं
तू शरारत करे हमसे झगड़ा करे
फिर भी हम तो तुझे अपना मानें
ये राज़ तू ना जानेलम्बी उमर की हम तुझको दुआएं दें
चूमें तेरा माथा तेरी बलाएं लें
ममता के आँचल में तुझको सुलाएंगे
तुझसे तो है कोई नाता
लगे तू हमें प्यारा तू सबसे है न्यारा
हमारा तू सहारा
मस्ताना अलबेला ...