उसको नहीं देखा हमने कभी - The Indic Lyrics Database

उसको नहीं देखा हमने कभी

गीतकार - मजरूह सुलतानपुरी | गायक - हरिहरन | संगीत - हरिहरन | फ़िल्म - गुलफ़ाम | वर्ष - 1994

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उसको नहीं देखा हमने कभी
पर इसकी ज़रूरत क्या होगी
ऐ माँ तेरी सूरत से अलग
भगवान की सूरत क्या होगी
इन्सान तो क्या देवता भी आँचल में पले तेरे
है स्वर्ग इसी दुनिया में क़दमों के तले तेरे
ममता ही लुटाएं जिसके नयन ऐसी कोई मूरत क्या होगी
क्यों धूप जलाए दुःखों की
क्यों ग़म की घटा बरसे
ये हाथ दुआओं वाले
रहते हैं सदा सर पे
तू है तो अंधेरे पथ में हमें
सूरज की ज़रूरत क्या होगी
कहते हैं तेरी शान में जो
कोई ऊँचे बोल नहीं
भगवान के पास भी माता
तेरे प्यार का मोल नहीं
हम तो यही जानें तुझसे बड़ी
संसार की दौलत क्या होगी