आओ बछो एक राजे का बेटा - The Indic Lyrics Database

आओ बछो एक राजे का बेटा

गीतकार - | गायक - के एल सहगल | संगीत - आर सी बोराल | फ़िल्म - | वर्ष - 1937

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hello
आओ बच्चो
तुम्हें एक कहानी सुनाऊँएक था राजे का बेटा
बैठे-बैठे
उसके दिल में
सैर की धुन समाईचढ़ बैठा उढ़ने घोड़े पर
और उसको एड़ लगाईख़ूब थका जब उड़ते-उड़ते
तब घोड़े का मुँह फेराघनी छाँब देखी जिस जा
उस जा पर डाला डेराइतने में इक परियों की शहजादी उस जा आई
राजे के बेटे संग खेले
यही उसके मन भाईअच्छा
अब यही कहानी गा कर तुम्हें सुनाता हूँएक राजे बेटा ले कर उड़ने वाला घोड़ा -२
देश-देश की सैर की ख़ातिर अपने घर से निकला -२उड़ते-उड़ते चलते-चलते थके जो उसके पाँव -२
तो इक जा पर बैठ गया वो देख के ठण्डी छाँव -२इतने में होनी ने अपनी बंसी वहाँ बजाई -२
जिसको सुन कर परियों की शहजादी दौड़ी आईइ -२अच्छा बच्चों
जानते हो उसके बाद क्या हुआउसके बाद बहोत देर तक आपस में दोनों जी भर कर खेले
दोनों ने खाये मिल-जुल कर सेब अनार और केलेअच्छा बच्चों
अगर तुम्हे वो शहजादी मिल जाये
तो उसके साथ खेलोगेवो बच्चों को बड़ी उम्दा-उम्दा चीज़ें खिलाती हैकहो हाँ
laugh