गीतकार - शैलेंद्र | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - शंकर जयकिशन | फ़िल्म - बादल | वर्ष - 1951
View in Romanउनसे मिली नज़र के मेरे होश उड़ गये
ऐसा हुआ असर के मेरे होश उड़ गये
जब वो मिले मुझे पहली बार, उनसे हो गई आँखें चार
पास ना बैठे पलभर वो, फिर भी हो गया उनसे प्यार
इतनी थी बस ख़बर के मेरे होश उड़ गये
उनसे मिली नज़र ...
उनकी तरफ़ दिल खिंचने लगा, बढ़ के कदम फिर रुकने लगा
काँप गई मैं जाने क्यों, अपने आप दम घुटने लगा
छाये वो इस कदर के मेरे होश उड़ गये
उनसे मिली नज़र ...
घर मेरे आया वो मेहमान, दिल में जगाये सौ तूफ़ान
देख के उनकी सूरत को, हाय रह गई मैं हैरान
तड़पूं इधर उधर के मेरे होश उड़ गये
उनसे मिली नज़र ...