आंखें में छाया रहता है इश्क है नशा नाशा - The Indic Lyrics Database

आंखें में छाया रहता है इश्क है नशा नाशा

गीतकार - समीर, अरुण भैरवी | गायक - सुनिधि चौहान, शान | संगीत - विशाल-शेखर | फ़िल्म - रुद्राक्ष | वर्ष - 2003

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सु : ( आँखों में छाया रहता है
दिल में सुरूर भर दे ) -२
ख़ामोश धड़कनों को भी
चाहत में चूर कर दे
ना जाने कोई लेकिन हमको है पता
इश्क़ है नशा-नशा -२
इश्क़ है इश्क़ है इश्क़ है नशा-नशाआँखों में छाया रहता है
दिल में सुरूर भर दे
ख़ामोश धड़कनों को भी
चाहत में चूर कर दे
ना जाने कोई लेकिन हमको है पता
इश्क़ है नशा-नशा -२
इश्क़ है इश्क़ है इश्क़ है नशा-नशाशा : पागल करें बेताबियाँ
अरमान भी हैं जोश में
परियाँ जवाँ बाँहों में हैं
कैसे रहें हम होश मेंसु : हूँ
रह-रह के बहकना इश्क़ है
बिन ख़ुश्बू महकना इश्क़ है
धीरे-धीरे साँसों में ये तो बसाइश्क़ है नशा-नशा -२
इश्क़ है इश्क़ है इश्क़ है नशा-नशाशा :हर पल रहे दीवानगी
इसमें सुक़ूँ आता नहीं
कोई जतन कोई करे
दर्द-ए-जिगर जाता नहींसु : आ
धड़कन का धड़कना इश्क़ है
दिलबर का तड़पना इश्क़ है
मेरे यार तड़पने में भी आये मज़ाइश्क़ है नशा-नशा -२
इश्क़ है इश्क़ है इश्क़ है नशा-नशाआँखों में छाया रहता है
दो : दर्द-ए-सुरूर भर दे
सु : ख़ामोश धड़कनों को भी
दो : चाहत में चूर कर दे
सु : ना जाने कोई लेकिन हमको है पता
दो : ( इश्क़ है नशा-नशा -२
इश्क़ है इश्क़ है इश्क़ है नशा-नशा ) -२