मेले हैं चिरागों के रंगीन दिवाली है - The Indic Lyrics Database

मेले हैं चिरागों के रंगीन दिवाली है

गीतकार - राजेन्द्र कृष्ण | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - रवि | फ़िल्म - नज़राना | वर्ष - 1961

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मेले हैं चिरागों के रंगीन दिवाली है
महका हुआ गुलशन है, हँसता हुआ माली है
इस रात कोई देखे धरती के नज़ारों को
शरमाते हैं ये दीपक आकाश के तारों को
इस रात का क्या कहना, ये रात निराली है
खा जाये नज़र धोख़ा, जुगनू हैं या फुलझड़ीयाँ
बारात है तारों की या रंगभरी लड़ीयाँ
होंठों पे तराने हैं, बजती हुई ताली है