ये रंग ना छुउतेगा उल्फत की निशानी हैं - The Indic Lyrics Database

ये रंग ना छुउतेगा उल्फत की निशानी हैं

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - मोहम्मद रफ़ी, आशा भोंसले | संगीत - रवि | फ़िल्म - चाइना टाउन | वर्ष - 1962

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ये रंग न छूटेगा उल्फ़त की निशानी है
कुछ तेरा फ़साना है कुछ मेरी कहानी है
ये रंग न छूटेगा ...लहरा के उठा मौसम रुत बनके क़रार आई
आई तो मगर कितना तरसा के बहार आई
तरसा के बहार आई पर कितना सुहानी है
ये रंग न छूटेगा ...आँखें हैं तुम्हारी या छलका हुआ पैमाना
अपना तो मुहब्बत में दिल हो गया दीवाना
या हम ही दीवाने हैं या रुत ही दीवानी है
ये रंग न छूटेगा ...देखो न भुला देना प्यार के वादों को
तुम भी न बदल देना चाहत के इरादों को
अब प्रीत लगी तुमसे कुछ मैने भी ठानी है
ये रंग न छूटेगा ...