मेहबूब मेरे, मेहबूब मेरे - The Indic Lyrics Database

मेहबूब मेरे, मेहबूब मेरे

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - लता - मुकेश | संगीत - लक्ष्मीकांत प्यारेलाल | फ़िल्म - पत्थर के सनम | वर्ष - 1967

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मेहबूब मेरे, मेहबूब मेरे
तू है तो दुनिया कितनी हसीं है
जो तू नहीं तो, कुछ भी नहीं है
तुम हो तो बढ़ जाती है क़ीमत मौसम की
ये जो तेरी आँखे हैं शोला शबनम सी
यहीं मरना भी है मुझको, मुझे जीना भी यहीं है
अरमां किसको जन्नत की रंगीन गलियों का
मुझको तेरा दामन है बिस्तर कलियों का
जहाँपर हैं तेरी बाहें, मेरी जन्नत भी वहीं है
रख दे मुझको तू अपना दीवाना कर के
नज़दीक आ जा फिर देखूँ तुझको जी भर के
मेरे जैसे होंगे लाखों, कोई भी तुझसा नहीं है