दिल हो उन्हें मुबारक जो दिल को ढूँढते हैं - The Indic Lyrics Database

दिल हो उन्हें मुबारक जो दिल को ढूँढते हैं

गीतकार - शकील | गायक - रफी | संगीत - नौशाद | फ़िल्म - NA | वर्ष - 1949

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दिल को तुम्हारी याद ने

दिल को तुम्हारी याद ने

आ कर हिला दिया

अरमाँ जो सो चुके थे

उन्हें फिर जगा दिया

उन्हें फिर जगा दिया

दिल को तुम्हारी याद ने

आ कर हिला दिया

हमदर्द जब बने थे तुम्हीं

दिल के दर्द के

बेदर्द बन के क्यूँ मेरे

दिल को दुखा दिया

दिल को तुम्हारी याद ने

आ कर हिला दिया

मेरी ज़रा सी भूल की

इतनी बड़ी सज़ा

आँसू बना के दिल से

नज़र से गिरा दिया

आँखों से दूर हो के भी

रहते हो दिल के पास

तुमने तो ज़िंदगी को

तमाशा बना दिया

दिल को तुम्हारी याद ने

आ कर हिला दिया