क्यों छुपाते हो दिल की बात - The Indic Lyrics Database

क्यों छुपाते हो दिल की बात

गीतकार - समीर | गायक - उदित नारायण & अनुराधा पौुदवाल | संगीत - संजीव दर्शन | फ़िल्म - मन | वर्ष - 1999

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हा हा हा..
क्यों छुपाते हो मन की बात
कह भी दो बीती जाए रात
दूरियां किसलिए, दे दो हाथों में हाथ
दिल भी तुम्हारा है हम भी तुम्हारे हैं
मन में मचलते अरमां हमारे हैं
देखो सितारे करते इशारे हैं
करलो मोहब्बत कमसिन नज़ारे हैंक्यों छुपाते हो मन की बात
कह भी दो बीती जाए रात
दूरियां किसलिए दे दो हाथों में हाथदिल है दीवाना कहना ना माने
रस्मों को कसमों को ये पागल ना जाने
ज़िद्दी बड़ा है ज़िद पे अड़ा है
आजाओ आ भी जाओ इसको मनाने

क्यों छुपाते हो मन की बात
कह भी दो बीती जाए रात
दूरियां किसलिए दे दो हाथों में हाथ

हमसे मोहब्बत करते हो तुम भी
हम जितने मरते तुमपे, मरते हो तुम भी
हमको पता है, दिल जनता है
तन्हाइयों में आहें भरते हो तुम भी

क्यों छुपाते हो मन की बात
कह भी दो बीती जाए रात
दूरियां किसलिए दे दो हाथों में हाथ

दिल भी तुम्हारा है हम भी तुम्हारे हैं
मन में मचलते अरमां हमारे हैं
देखो सितारे करते इशारे हैं
करलो मोहब्बत कमसिन नज़ारे हैं
आ आ आ…