जिया लहर लहर लहाराये के मन ललाचाये - The Indic Lyrics Database

जिया लहर लहर लहाराये के मन ललाचाये

गीतकार - पंडित इंद्र | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - एम डी पार्थसारथी | फ़िल्म - संसार | वर्ष - 1951

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जिया लहर लहर लहराये
(जिया लहर लहर लहराये के मन ललचाये
गीत कोई गाये रे सपन मेरे जीवन के मुसकाये)-२
जिया लहर लहर लहरायेकोई छुप छुप,
(कोई छुप छुप नैं मिलाये, की पास बुलाये रे)-२
मेरी कली कली खिल जाये, नज़र झुक जये
के सुन शरमाये रे झलक दिया जाये
के मन मोरा पंछी बन उड़ जाये
जिया लहर लहर लहराये(अब चमक चाँदनी रातें, होंगी रातें
अब दिल मिल उनसे बातें, होंगी बातें)-२
वो कहेंगे मुझसे रानी, बड़ी महरबानी,
इधर तोओ आओ तड़प जिया जाये
कहूँगी तोरे लाज शरम नहीं आये
जिया लहर लहर लहराये के मन ललचाये
गीत कोई गाये रे सपन मेरे जीवन के मुसकाये
जिया लहर लहर लहरायेमैंए गिन गिन,
(मैंए गिन गिन बरस बिताये, के दीप जलाये रे)-२
कोई मुझको अपने बनाये, के प्यार जताये,
रहा ना अब जाये कहा ना जाये ?
कोई मेरी नैनों की निंदिया चुराये
जिया लहर लहर लहराये(अब चमक चाँदनी रातें, होंगी रातें
अब दिल मिल उनसे बातें, होंगी बातें)-२
वो कहेंगे मुझसे रानी, बड़ी मेहरबानी,
इधर तो आओ तड़प जिया जाये
कहूँगी तोरे लाज शरम नहीं आये
जिया लहर लहर लहराये के मन ललचाये
गीत कोई गाये रे सपन मेरे जीवन के मुसकाये
जिया लहर लहर लहराये