बैगन में बहार है - The Indic Lyrics Database

बैगन में बहार है

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - मोहम्मद रफ़ी, लता मंगेशकर | संगीत - एस डी बर्मन | फ़िल्म - आराधना | वर्ष - 1969

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पु : अच्छा तो ये बात है
तुम भी सुन लो
जो जो सवाल मैं पूछूँ उनका सच-सच जवाब देना
डन्?
स्त्री: डन्
पु : अच्छा, तो बाग़ों में बहार है?
स्त्री: क्या?
पु : मैं ने पूछा बाग़ों में बहार है?
स्त्री: हाँ है
पु : कलियों पे निखार है?
स्त्री: हाँ है
पु : तो, तो तुमको मुझसे प्यार है
स्त्री: न न न, न न न, न न न, न न नपु : ओ~ बाग़ों में बहार है
स्त्री: है
पु : कलियों पे निखार है
स्त्री: है
पु : ओ~ तुमको मुझसे प्यार है
स्त्री: न न न, न न न, न न न, न न न
पु : ओ~ बाग़ों में बहार है ...स्त्री: छोड़ो हटो, जाओ पकड़ो न बैंय्या
आऊँ न मैं तेरे बातों में सैंय्या
पु : तुमने कहा है देखो, देखो मुझे सैंय्या
बोलो तुमको इक़रार है
स्त्री: है
पु : फिर भी इन.कार है
स्त्री: हाँ है
पु : ओ~ तुमको मुझसे प्यार है
स्त्री: न न न, न न न, नहीं नहीं नहीं नहीं
पु : ओ~ बाग़ों में बहार हैतुमने कहा था मैं सौ दुःख सहूँगी
चुपके पिया तेरे मन में रहूँगी
स्त्री: वो सब कहूँगी लेकिन वो न कहूँगी
तुमको जिसका इन्तज़ार है
पु : है
स्त्री: फिर भी तक़रार है
पु : है
ओ~ तुमको मुझसे प्यार है
स्त्री: न न न, न न न, न न न, न न न
पु : ओ~ बाग़ों में बहार हैस्त्री: अच्छा चलो, छेड़ो आगे कहानी
होती है क्या बोलो प्यार की निशानी
पु : बेचैन रहती है प्रेम दीवानी
बोलो क्या दिल बेक़रार है
स्त्री: है
पु : मुझपे ऐतबार है
स्त्री: है
पु : जीना दुशवार है
स्त्री: है, है
पु : आज सोमवार है
स्त्री: अरे बाबा, है
पु : तुमको मुझसे प्यार है
स्त्री: है
न न न न न