वो चल अकेला निर्जन बन में - The Indic Lyrics Database

वो चल अकेला निर्जन बन में

गीतकार - पंडित इंद्र | गायक - पुरुष? | संगीत - बी एस कल्ला | फ़िल्म - बहुत दिन हुये | वर्ष - 1954

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वो चला अकेला निर्जन बन में
माँ का आशिर्वाद लिये
सुर्य चन्द्र तारे चमके
तब तक वो माँ का लाल जियेटूटे न दूध के दाँत
अभी नादान तू कोमल बालक है
माता की भक्ती ही सच्ची है
और धर्म ही उसका पालक है
वो आँधी या तूफ़ान किसी से नहीं डरेगा
माता की रक्षा के हित वो आगे पाँव धरेगा
वो चला अकेला -२
चला अकेला