खो दिया मैं ने पा कर किसी को - The Indic Lyrics Database

खो दिया मैं ने पा कर किसी को

गीतकार - खुमार बाराबंकवी | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - नशद | फ़िल्म - बारादरी | वर्ष - 1955

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( खो दिया मैं ने पा कर किसी को
आग़ लग जाये इस ज़िन्दगी को ) -२दिन ये क़िसमत ने कैसे दिखाये
थे जो अपने हुये वो पराये
अपना कहना है अब अजनबी को
आग़ लग जाये इस ज़िन्दगी कोशादियाने बजेंगे ख़ुशी के -२
होंगे अरमान पूरे किसी के
होँठ तरसेंगे मेरे हँसी को
आग़ लग जाये इस ज़िन्दगी कोचाँद-तारों का फेरा रहेगा
मेरे दिल में अन्धेरा रहेगा
शमा रोयेगी अब रोशनी को
आग़ लग जाये इस ज़िन्दगी कोखो दिया मैं ने पा कर किसी को
आग़ लग जाये इस ज़िन्दगी को