डिग डिग हसीनों की सवारी है रिक्शा हमारी - The Indic Lyrics Database

डिग डिग हसीनों की सवारी है रिक्शा हमारी

गीतकार - राजिंदर कृष्ण | गायक - मोहम्मद रफ़ी, सुमन कल्याणपुर | संगीत - इकबाल कुरैशी | फ़िल्म - लव इन शिमला | वर्ष - 1960

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र : दिग दिग दिग दिग दिग दिग हे
दिग दिग दिग दिग
हसीनों की सवारी है हसीनों की सवारी
बड़ी तक़दीर वाली रिक्शा हमारी है ये रिक्शा हमारी है
हसीनों की सवारी है ...आ : ओय रुक के ओय थम के ओय रुक के ओय तू चल रिक्शा वाले
कि उड़-उड़ जाएं मेरे गेसू काले-काले
र : सुरतिया तो है ही अदा भी प्यारी-प्यारी है अदा भी प्यारी-प्यारी
हसीनों की सवारी है ...( ओ बैठी रह तू बैठी रह ) -२ न हिल-डुल लैला
कमाना है किराया तुझसे पहला-पहला किराया पहला-पहला
जान-ए-मन सुन ले ये रिक्शा तुम्हारी है
हसीनों की सवारी है ...आ : ( ओय मुड़ जा ओय मुड़ जा ) -२ न ज़िद कर रांझा
किराया दूँगी आधा कि तेरा मेरा साँझा -२
र : ओय जाण देओ हीर जी ये जान भी तुम्हारी है ये जान भी तुम्हारी
हसीनों की सवारी है ...