जाओ चमका सुबह का सितारा - The Indic Lyrics Database

जाओ चमका सुबह का सितारा

गीतकार - नूर लखनवी | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - वसंत देसाई | फ़िल्म - हैदराबाद की नाज़नीन | वर्ष - 1952

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जाओ~ ओह~जाओ चमका सुबह का सितारा -२
फिर जुदाई ने आके पुकारा
जाओ चमका ...देख लो हमको जी भर के दिलबर -२
कल न पलटे कहीं ये मुक़द्दर -२
फिर न मुमकिन हो आना दुबारा
जाओ चमका ...प्रेम के फूल एक दिन खिलेंगे -२
याँ न मिल पाए तो वाँ मिलेंगे -२
प्रेमियों को यही है सहारा
जाओ चमका ...आते रहते हैं तूफ़ां बराबर -२
क्यों उबलता नहीं प्रेम सागर -२
डूब जायें तो पाएं किनारा
जाओ चमका ...