मौसम है आशिकाना - The Indic Lyrics Database

मौसम है आशिकाना

गीतकार - कमाल अमरोही | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - गुलाम मोहम्मद | फ़िल्म - पाकीज़ा | वर्ष - 1971

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मौसम है आशिकाना
ऐ दिल कहीं से उनको ऐसे में ढूंढ लाना
कहना के रुत जवां है, और हम तरस रहे हैं
काली घटा के साये, बिरहन को डस रहे हैं
डर है ना मार डाले, सावन का क्या ठिकाना
सूरज कहीं भी जाये, तुम पर ना धूप आये
तुम को पुकारते हैं, इन गेसूओं के साये
आ जाओ मैं बना दूँ, पलकों का शामियाना
फिरते हैं हम अकेले, बाहों में कोई ले ले
आखिर कोई कहाँ तक तनहाईयों से खेले
दिन हो गये हैं ज़ालिम, राते हैं कातिलाना
ये रात ये खामोशी, ये ख्व़ाब से नज़ारें
जुगनू हैं या जमींपर उतरे हुये हैं तारें
बेख़ाब मेरी आँखे, मदहोश है ज़माना