दिल धड़के आँख मोरी फड़के - The Indic Lyrics Database

दिल धड़के आँख मोरी फड़के

गीतकार - शकील | गायक - सुरैया | संगीत - नौशाद | फ़िल्म - दर्द | वर्ष - 1947

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दिल की दुनिया जो लुटा दी तेरे दीवानों ने

दिल की दुनिया जो लुटा दी तेरे दीवानों ने

फिर से आबाद उसे कर दिया अरमानों ने

दश्त में उड़ती हैं चिंगारियाँ जुगनू बन कर

शमा को उड़ना है सिखला दिया परवानों ने

दास्ताँ सुन के चट्टानों से हैं फूटे चष्मे

पत्थरों को है रुलाया मेरे अफ़सानों ने

मेरे तलवों का लहू चूस के गुल बन बैठे

ख़ार जो राह में बिछाये थे बियाबानों ने