गीतकार - सईद क़ादरी | गायक - रूपकुमार राठोड | संगीत - मिथुन - पंकज अवस्थी | फ़िल्म - अन्वर | वर्ष - 2007
View in Romanमौला मेरे मौला मेरे, मौला मेरे मौला मेरे
आँखें तेरी कितनी हसीन
के इनका आशिक मैं बन गया हूँ
मुझको बसा ले इन में तू
इश्क है ... मौला मेरे मौला मेरे ...
मुझसे ये हर घड़ी मेरा दिल कहे
तुम ही हो उसकी आरज़ू
मुझसे ये हर घड़ी मेरे लब कहें
तेरी ही हो सब गुफ़्तगू
बातें तेरी इतनी हसीन
मैं याद इनको जब करता हूँ
फूलोंसी आए खुशबू
रख लूँ छुपा के मैं कहीं तुझको
साया भी तेरा ना मैं दूँ
रख लूँ बना के कहीं घर मैं तुझे
साथ तेरे मैं ही रहूँ
जुल्फें तेरी इतनी घनी
देख के इनको ये सोचता हूँ
साये में इनके मैं जिऊँ
इश्क है ... मौला मेरे मौला मेरे ...
मेरा दिल यही बोला
यारा राज़ ये उसने है मुझपर खोला
की है इश्क मोहोब्बत जिसके दिलमें
उसको पसंद करता है मौला