प्रीतम ये मत जानीयो भीगी पलकें उठा मेरी जान - The Indic Lyrics Database

प्रीतम ये मत जानीयो भीगी पलकें उठा मेरी जान

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - मोहम्मद रफ़ी, लता मंगेशकर | संगीत - गुलाम मोहम्मद | फ़िल्म - दो गुंडे | वर्ष - 1959

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ल : प्रीतम ये मत जानियो तोसे बिछुड़त मोहे चैन
जैसे बन की लाकड़ी सुलगत हूँ दिन-रैनर : भीगी पलकें उठा मेरी जाँ ग़म ना कर
दिन जुदाई के ये भी गुज़र जाएँगे
ल : जब तलक़ तेरी बाँहें मिलेंगी मुझे
तब तलक़ ये गेसू बिखर जाएँगे
र : भीगी पलकें उठा ...ल : मेरे तन की कली ग़म से जल गाएगी
रंग उतर जाएगा धूप ढल जाएगी
र : आ पड़ी है कुछ ऐसी उलझन मगर
फिर भी तेरे दीवाने किधर जाएँगे
र : जब तलक़ तेरी बाँहें ...र : ज़िन्दगी है तो मिल ही रहेंगे गले
जा रही हैं बहारें तो जाने भी दो
ल : दो ही दिन तो मिले ज़िन्दगानी के दिन
क्या ये दो दिन भी यूँ ही गुज़र जाएँगे
र : भीगी पलकें उठा ...